कोरबा

कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात की मौतः परिजनों का आरोप- जबरदस्ती हाथ डालकर बच्चेदानी खोला गया, अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों किया खारिज

CG MEDIA TV:कोरबा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक नवजात की मौत हो गई है। पति ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि बच्चेदानी न खुलने पर जबरदस्ती हाथ डालकर उसे खोला। जबकि डॉक्टरों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

मामला जिला अस्पताल पुलिस चौकी क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को अयोध्यापुरी के रहने वाले आशीष विश्वकर्मा ने पत्नी किरण को अस्पताल में एडमिट किया था। जहां डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया।

इलाज में लापरवाही का आरोप

पति का आरोप है कि डॉक्टरों ने प्रसव के दौरान बच्चेदानी न खुलने पर जबरदस्ती हाथ डालकर उसे खोला, जिससे इलाज में लापरवाही हुई और नवजात की मौत हो गई। प्रसव की निर्धारित तारीख आगे बढ़ जाने के कारण किरण को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

आशीष के अनुसार, उसके पहले से दो बच्चे हैं जिनकी उम्र 12 और 10 साल है। यह उनका तीसरा बच्चा था, जिसकी जन्म से पहले ही मौत हो गई। उनका मानना है कि यह घटना इलाज में लापरवाही के कारण हुई है।

ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत

वहीं, जिला मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर आदित्य सिसोदिया ने आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि प्रबंधन के अनुसार, किरण के पहले दो प्रसव सामान्य हुए थे, इसलिए तीसरे प्रसव में कोई विशेष समस्या नहीं होनी चाहिए थी। लेबर रूम की टीम ने पाया कि प्रसव के दौरान किरण की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं किया जा रहा था, जिससे जटिलताएं बढ़ीं।

डॉक्टर सिसोदिया ने आगे बताया कि इस स्थिति के कारण बच्चेदानी में खतरा उत्पन्न हो गया था। जब तक ऑपरेशन की तैयारी की जाती, बच्चा डिलीवर हो चुका था। उन्होंने स्पष्ट किया कि नवजात की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है और लगाए गए आरोपों का कोई आधार नहीं है।

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