
रायपुर। छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा तोड़े जाने पर राजधानी में बवाल मच गया है। मूर्ति तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने वीआईपी चौक पर विरोध-प्रदर्शन किया। वहीं पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने घटना की कड़ी निंदा की है। सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन इस घटना को लेकर सियासी वार और पलटवार भी जारी है।

छत्तीसगढ़ी अस्मिता पर सीधा हमला है – अमित जोगी
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बेहद दुखद और शर्मिंदा करने वाला है। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा जैसे विशिष्ट चौक पर स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को कुछ असामाजिक तत्वों ने खंडित कर दिया है। यह देखकर हृदय रो पड़ता है कि जिस “महतारी” के नाम पर सरकारें सत्ता में आती हैं और योजनाएं बनाती हैं, उसी महतारी की प्रतिमा की सुरक्षा तक नहीं कर पा रही हैं। यह केवल एक मूर्ति का टूटना नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक आस्था और छत्तीसगढ़ी अस्मिता पर सीधा हमला है।
छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को तोड़ना जनता का अपमान – भूपेश बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की स्थापना की रजत जयंती पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ दी गई। राजधानी रायपुर के VIP रोड स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को तोड़ा जाना जनता का अपमान है। हर एक छत्तीसगढ़िया बेहद ग़ुस्से में है. यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। कहीं यह शासन-प्रशासन के कार्यक्रमों से छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीरों को हटाने वाली भाजपा सरकार की करतूत तो नहीं? भाजपा समझ ले कि अगर जनआक्रोश को अनदेखा किया, तो अच्छा नहीं होगा।


